भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ऊसर जमीन भी बन सकती है फिर से उपजाऊ 7 / उमेश चौहान

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समय का खारापन सिमट आने पर
मन का खेत भी हो जाता है ऊसर
और फिर नहीं लहलहाती उसमें
विचारों की कोई भी पोषक फसल।