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एक कवि का जाना / निमिषा सिंघल
Kavita Kosh से
एक कवि अपनी दूर दृष्टि और लेखनी से,
पूरे संसार का दुख सुख समेट
बिखेर देता है
कीमती मोतियों-सी सुंदरता कागजों पर।
इनकी चमक से मिलती है;
कुछ भटके पथिकों को राहें,
कुछ दुखती रगो को शांति,
किसी उल्लासित मन को प्रेम,
किसी अधूरे से हृदय को अपनी-सी कहानी,
किसी दुखी मन को संतोष,
किसी अधीर मन को धैर्य।
सभी को उनके हिस्से का
कुछ ना कुछ देकर,
विदा हो जाता है एक कवि
इस संसार से,
चमकता सितारा बन