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एक कहानी / सरोजिनी कुलश्रेष्ठ

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नानी कह दो एक कहानी
एक था राजा मत कहना अब
मत कहना तुम एक थी रानी।
नानी कह दो एक कहानी॥
कथा शहीदों की कहना तुम
कैसे प्राण गंवाये
राजकुमारो की अब मुझको
कोई बात न भाये
क्रांतिकारियों ने क्यों अपनी
बंदूकें थी तानी।
नानी कह दो एक कहानी॥
हम जैसे बच्चों ने भी तो
देश प्रेम सिखलाया था
सीने पर भी गोली खाई
ऐसा शौर्य दिखाता था
उन शहीद बच्चों की नानी
कह दो मुझसे एक कहानी।
नानी कह दो एक कहानी॥
अभी कारगिल के शिखरों से
वीरों ने ललकारा था
दहला दिया शत्रु को दलबल
कैसी थी कुर्बानी।
नानी कह दो एक कहानी॥