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एक कुत्ता ब्राह्मण हुआ / नीरव पटेल / मालिनी गौतम

शास्त्रों में भले जो भी कहा गया हो
पर मैं तो कहता हूँ कि
ब्राह्मण बोले वही ब्रह्मवाक्य!

वह अंजुरी भर जल छाँटेगा
तो गोबर भी पवित्र हो जाएगा
और लोग उसका प्रसाद भी लेंगे!

जनेऊ तो जानवर को भी पहनाई जा सकती है —
अगर वह ज्ञानेश्वर की भैंस की तरह गीता-गान कर सके तो!
थाली भरकर स्वर्ण मुहरें देने पर
वह शूद्र शिवाजी को भी
क्षत्रिय शिवाजी घोषित कर सकता है!

फिर इस अल्सेशियन कुत्ते की तो बात ही अनोखी है :
इसे गोमाँस नहीं,
बल्कि यवन-मलेच्छ-चाण्डाल जैसे
सारे अधर्मियों-विधर्मियों का माँस बहुत भाता है

जरुरत पड़ने पर यह मनु के धर्मशास्त्र के श्लोक भौंक सकता है,
कौटिल्य के अर्थशास्त्र की आयतें भी गुर्रा सकता है,
ये वफ़ादार श्वान तो अपना सनातनधर्मी सेवक है,
अरे ! स्वयंसेवक है
और गाय व ब्राह्मणों का रक्षक भी,

मैं गीगोभट्ट इस ब्रह्मसभा में आदेश देता हूँ
कि इसके गले का पट्टा तोड़ दो
और इसका यज्ञोपवित संस्कार कर इसे खुल्ला छोड़ दो

मैं इसे ब्राह्मणों मे श्रेष्ठ घोषित करता हूँ
शास्त्रों में भले जो कहा गया हो -
ब्राह्मण बोले वही वेदवाक्य है ।

अनुवाद : मालिनी गौतम