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एक गमला ही सही / नंदकिशोर आचार्य

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ठीक है, न सही मेरे पास
कोई वन
एक गमला ही सही
किन्तु फूल उस में जो
खिलता है
वह क्या ऋतु नहीं है ?
और वह ऐश्वर्य वन का नहीं
ऋतु का है।
बल्कि फूल भी लक्षण हैं केवल
ऋतु तो खिलना है
इसलिए यदि टूटे गमला भी
टूट जाय
फिर भी वह ऐश्वर्य मेरा है

क्या नहीं ?

(1976)