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एक दिन माँ कुदरत कहेगी, / नाज़िम हिक़मत

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एक दिन माँ कुदरत कहेगी,

"अब चलो ...

अब और न हँसी, न आँसू,

मेरे बच्चे ..."

और अन्तहीन एक बार

और ये शुरू होगी

ज़िन्दगी जो न देखे, न बोले,

और न सोचा करे