भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एक दूसरे समय से एक गीत / दुन्या मिखाईल
Kavita Kosh से
मेरे साथ बचा रह गया
किसी दूसरे समय का एक गीत
अब जहाँ भी मैं जाती हूँ
वह मेरा पीछा करता है
वह मेरे पीछे दौड़कर आता है
मैं काग़ज़ के एक टुकड़े की तरह
गुड़मुड़ कर उसे फेंक देती हूँ
लेकिन जब भी मुझे याद आती है
अपने मृत दोस्तों में से किसी की
मैं खोलती हूँ उस गुड़मुड़ काग़ज़ को
उसकी सलवटों को सहलाती हूँ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश पथ सारिया