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एक समय था / शहनाज़ इमरानी
Kavita Kosh से
एक कहानी थी
एक लड़का था
एक लड़की थी
बारिश थी
पानी में भीगते फूल थे
झील में लहरें थीं
गुमठी पर चाय पीते
दोनों भीगे हुए थे
हवा में गूँजती
दोनों की हँसी थी
बहुत कुछ लौट कर
आता है ज़िन्दगी में
बारिशें, फूल
लहरें और हँसी
नहीं लौटा तो
गुमठी वाली
चाय का वो स्वाद।