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एक हँसी शाम को दिल मेरा खो गया / राजा मेंहदी अली खान
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एक हँसी शाम को दिल मेरा खो गया
पहले अपना हुआ करता था, अब किसी का हो गया
मुद्दतो से आरजू थी, जिन्दगी में कोई आये
सूनी सूनी जिन्दगी में कोई शमा झिलमिलाये
वो जो आये तो रोशन ज़माना हो गया
मेरे दिल के कारवां को ले चला हैं आज कोई
शबनमी सी जिसकी आँखे, थोड़ी जागी थोड़ी सोयी
उनको देखा तो मौसम सुहाना हो गया