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एडीएम खा-खा के बुतरू बीमार हो रहल / सिलसिला / रणजीत दुधु

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ए डी एम खा-खा के बुतरूवन बीमार हो रहल,
सरकारी नीति से जनता लाचार हो रहल।

बुतरूवन ले मइयन माँग रहल हे मनउती
देवतन धियान दीहा न´ निकले बिछँउती
साँप, चूहा, कीड़ा-मकोड़ा सब पार हो रहल
ए डी एम खा-खा के बुतरूवन बीमार हो रहल।

मास्टर न´ देखा सके हे बुतरू के डंटा
चाहे बन जाय बुतरूवन कतनउ लंगटा
नइतिकता सदाचार अब तार-तार हो रहल
ए डी एम खा-खा के बुतरूवन बीमार हो रहल।

छात्रवृत्ति पोशाक ले लिखा रहलो हे नाम
पढ़ाय लिखाय गुणवत्ता से न´ तनिको काम
अब साईकिल चढ़-चढ़ बुतरूवन फरार हो रहल
ए डी एम खा-खा के बुतरूवन बीमार हो रहल।

मुखिया अध्यक्ष सचिव हेडमास्टर के कमाय हे
बी ओ, बीडीओ, डी ओ तो मउसेरा भाय हे
खायवाला के बड़का लमहर कतार हो रहल
ए डी एम खा-खा के बुतरूवन बीमार हो रहल।