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एनाऽ मण्ढवा को गोपीनाथ राय सागल / पँवारी

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पँवारी लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एनाऽ मण्ढवा को गोपीनाथ राय सागल
वी ते कहीं नी मिले रे पके पानऽ
मोतिन छायों मण्ढवा हो।।
एनाऽ मण्ढवा की पुष्पाबाई सागली
वा ते कहीं नी मिले रे पके पान
मोतिन छायो मण्ढवा हो।।
एनाऽ मण्ढवा की जयश्री बाई सागली
वा ते कहीं नी मिले रे पके पान
मोतिन छायो मण्ढवा हो।।
एनाऽ मण्ढवा को चिन्ध्या राय सागल
वी ते कहीं नी मिल रे पके पान
मोतिन छायो मण्ढवा हो।।
एनाऽ मण्ढवा की कमलाबाई सागली
वा ते कहीं नी मिले रे पके पान
मोतिन छायो मण्ढवा हो।।