भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ए.पी.एल./बी.पी.एल.2 / मथुरा नाथ सिंह ‘रानीपुरी’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

12.
छेकै ठिकाना
वोट के पीछू साधै
यहेॅ निशाना।

13.

भेलै हिसाब
ए.पी.एल./बी.पी.एल. के
लिखै किताब।

14.
गेहूँ ऊ बाँटै
वोट लेली केकरा
भला के डाँटै!

15.
देखोॅ नजारा
आदमी केॅ छेकै नी
ई बँटवारा।

16.
खोंच लगाना
ठीक नै आदमी के
जात बनाना।

17.
कैन्होॅ ई जात
शकल आदमी के
बाँटै छै पांत।

18.
ई प्रदूषण
लोभी मन्नें की नाय
करै शोषण।

19.
यहेॅ इन्साफ
ए.पी.एल. रोॅ करकै
पत्ता रे साफ।

20.
एक्के जनम
एक्के-रंग मरण
कैन्होॅ वरण।

21.
नर रोॅ कान
नर रोॅ ई दू आँख
एक समान।

22.
राजनीतिज्ञ
सच्चे ऊ होय छै नी
कुटनीतिज्ञ।

23.
छेकै सुधार
आदमी सँ आदमी
रचै किनार।