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ऐसा ना हो / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित
Kavita Kosh से
आजकल
चिड़िया नजर नहीं आती
ना ही तितलियां
क्या उन्होंने
पलायन कर लिया शहर से
या
वे रूठ गई हैं
मायावी दुनिया से
या
फिर कहीं
किसी बहेलिये ने
अपने जाल में उन्हें कैद कर लिया है
क्यों कोई कैद कर लेता है
तितलियां, चिड़ियां
या फिर
महिलाएं
इनको सरंक्षण और सुरक्षा देने की
आवश्यकता है
ना कि
उनके पंखों को कुतरने की
कुचेष्टा की
तितली
चिड़िया
सुंदर-सी लड़की
फूलों-फूलों सी
लदी टहनी
कहीं
सपना ही ना बन जाएं