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ओठों पर शंख / पुष्पिता
Kavita Kosh से
काग़ज़ पर शब्द
जैसे
ओठों पर शंख।
मेरा मन
तुम्हारी स्मृतियों की
जीवन्त पुस्तक ।
ईश्वर ने
हम दोनों में
बचाया है—प्रेम
और हम दोनों ने
प्रेम में ईश्वर… ।