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ओले / उषा यादव
Kavita Kosh से
अपना फ्रिज खराब जब होता,
तो हम पड़ते मुश्किल में।
पाकर यही मुसीबत परियाँ,
दुख पाती होंगी दिल में।
उनका फ्रिज शायद टूटा है,
फ्रीजर भी है चकनाचूर।,
ट्रे में जमी बर्फ गिरने से,
होंगी वे हैरान जरूर।
कैसे झेलेंगी बेचारी,
गर्मी के दाहक शोले।
हम बच्चे तो हँसकर कहते,
नभ से गिरते हैं ओले।