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ओळखाण / हरीश बी० शर्मा

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चालणिया
चालै जिको तो चोखो
चालतो-चालतो
थम जाई ना ....
.. जमानै री बातां सूं
..!
थारै खनै
रोसणी कांईं कम है ?
कै आस करै
ओळखाण री ।