ओळूं आवै हर घडी सांस जाणै
लागै जादू री छडी सांस जाणै
आभै में भोर रो सिंदूरी उजास
सोळवैं पगोथियै खडी सांस जाणै
ठूंठ दांई खड़्यो एकलो तो ई
किण खातर म्हारी अड़ी सांस जाणै
ना हवा है ना उजास आं कमरां में
फालतू चीज-सी पड़ी सांस जाणै
राजघाट चौफेर एक ई लखाव
सांस खातर कदै लड़ी सांस जाणै