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ओस / आलोक धन्वा
Kavita Kosh से
शहर के बाहर का
यह इलाक़ा
ज़्यादा जुती हुई ज़मीन
खेती की
मिट्टी की क्यारियाँ हैं
दूर तक
इन क्यारियों में बीज
हाथ से बोए गए हैं
कुछ देर पहले ज़रा-ज़रा
पानी का छिड़काव किया गया है !
इन क्यारियों की मिट्टी नम है
खुले में दूर से ही दिखाई
दे रही शाम आ रही है
कई रातों की ओस मदद करेगी
बीज से अंकुर फूटने में !