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ओ मेरे भैया / सोना श्री

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पहुँच न पाएंगी आज तुम तक मेरी सदायें ओ मेरे भैया।
बहन तुम्हारी अकेली है अब, बिना तुम्हारे ओ मेरे भैया।।

मेरी विदाई करोगे इक दिन तुम्हारीं आँखों में थे ये सपने,
चले गये तुम जहाँ से लेकिन रखूंगी दिल में हमेशा अपने,
हुई अभागन तुम्हारी बहना, ये राखी किसको मैं बाधूं भैया।
बहन तुम्हारी अकेली है अब, बिना तुम्हारे ओ मेरे भैया।।

भरी जवानी में हो के विधवा बिलख-बिलख कर के भाभी रोती,
तुम्हें सदा पूछते हैं बच्चे, तो आँसुओं से नयन भिंगोती,
रूला गये तुम, भुला गये तुम, चले गये क्यों बताओ भैया।
बहन तुम्हारी अकेली है अब, बिना तुम्हारे ओ मेरे भैया।।