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औरत / शशि सहगल
Kavita Kosh से
तस्वीर देखते
नहीं आता समझ
कौन किसे पीस रहा है?
चक्की को औरत
या औरत को चक्की !
रंग-बिरंगे परिधान
छनछनाती चूड़ियाँ
नहीं छिपा पाती
भीतर की मायूसी
मत पीसो चक्की
छोड़ दो पीसना
पिसने से ऎसे ही
बच सकती हो तुम