भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कंपन / तसलीमा नसरीन

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: तसलीमा नसरीन  » कंपन

कहते हैं- तीस बरस में घटने लगता है
मुहब्बत का शीत।
लेकिन मैं देख रही हूँ तीस के ऊपर देह विपरीत।

मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार