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कई तरह से तोरा मनाएब / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना

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कई तरह से तोरा मनाएब।
गीत नया कोनो गुनगुनाएब॥

एक बेर कह द कोनो बात त।
छोड़ सब्भे काम दउड़ल आएब॥

तोरा छोड़ कोई न हए अप्पन।
मन में हम जेकरा बइठाएब॥

तोरा न भाएत हम्मर रूप त।
तू ही कहऽ केकरा रिझाएब॥

आजा तू फेनू से करीब त।
वादा हए हम न दूर जाएब॥