कई सहस्र 
स्वप्नों के बीच
एक सपना वह
था नितान्त अपना वह
देखा मैंने--
धीरे से एक अणु उतरा
चिपक गया उससे आ डिम्ब
फिर उभरा उनके पीछे से 
हम दोनों का मिश्रित प्रतिबिम्ब
(2000)
कई सहस्र 
स्वप्नों के बीच
एक सपना वह
था नितान्त अपना वह
देखा मैंने--
धीरे से एक अणु उतरा
चिपक गया उससे आ डिम्ब
फिर उभरा उनके पीछे से 
हम दोनों का मिश्रित प्रतिबिम्ब
(2000)