भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
ककर नारी हम बाला हे ऊधो / मैथिली लोकगीत
Kavita Kosh से
मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ककर नारी हम बाला हे ऊधो
ककर नारी हम बाला
हरि मधुपुर गेल, परम कठिन भेल
दय गेल विहरक भाला
हे ऊधो, ककर नारी हम बाला
बड़ अनुचित भेल, सुपुरुष तेजि गेल
तेजि गेल मदन-गोपाला
हे ऊधो, ककर नारी हम बाला
निन्द हरित भेल, पहु परदेश गेल
चित लेल नन्दक लाला
हे ऊधो, ककर नारी हम बाला