Last modified on 19 मार्च 2019, at 13:52

कठिन है बहुत ज़िन्दगी से निभाना / रंजना वर्मा

कठिन है बहुत ज़िन्दगी से निभाना
पड़ेगा मगर इस से नजरें मिलाना

बहुत दिन रहे गैर बन महफिलों में
अचानक हुआ दिल किसी का दिवाना

न सुध-बुध रही था नहीं होश कोई
चला प्रेम जादू किसी ने न जाना

बिना साँस के ज़िन्दगी कब रहेगी
इसी से ज़रूरी शज़र है लगाना

गगन भी सभी का धरा भी सभी की
पड़ेगा मगर आशियाना बनाना