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कतय रहल मोर माधब / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
कतय रहल मोर माधब
हुनि बिनु कत दुखं साधब रे
हरि-हरि करू ब्रजनागरि
चिकुर फुजल लट झारल रे
सिरसँ खसल कारी नाग
चिहुँकि उठय नव कामिनि रे
फुलल कमल, उर जागल
ताहि पर यौवन भारी रे
बुद्धिलाल कवि गाओल
रसिक पुरुष रस बूझल रे