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कदी आ मिल यार प्यारिआ / बुल्ले शाह
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कदी आ मिल यार प्यारिआ।
तेरीआँ वाटाँ तों सिर वारिआ।
कदी आ मिल यार प्यारिआ।
चढ़ बागीं कोइल कूकदी।
नित सोजे़-अलम<ref>जुदाई की पीड़ा</ref> दे फूकदी।
मैनूँ ततड़ी को शाम विसारिआ।
कदी आ मिल यार प्यारिआ।
बुल्ला सहु कद घर आवसी।
मेरे बलदी भा<ref>आग</ref> बुझावसी।
ओहदी वाटाँ तों सिर वारिआ।
कदी आ मिल यार प्यारिआ।
शब्दार्थ
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