कनियाँ / नंदकिशोर शर्मा
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल
बड़ी धाह छै ई दुनियाँ में सात हाथ तोय हटकल चल।
की कहिऔ जे पछिया ऐलै, सबसें पहिले धोय बिलैलै
नुंग्गा हटलैऐलै मेक्सी, भेलै जमाना ज्यादा सेक्सी
‘आय लव यू’ अब महामंत्र भेल, मोन हमर कुछ खटकल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
हुक्का चिलम आब सरैले, घॉर-घॉर में बोतल ऐलै
गुटका, सिगरेट, ठोर-ठोर छै, चाय पियै सब भोर-भोर छै
गरिब घोॅर में समुद लोर के, फाटल जेबी लटकल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
महंगाई के बड़ा अफरदा, गहुम एक चार सेर गरदा
चूरू-चूरू विक्के धोर, दूध में पानी ताबड़तोड़
दस रुपया में एक करेला, चटनी लेय् मुँह चटकल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
तेल मिलैछै रुपै बून, सेर अनाज में छः सेर घून
पूछीं नै फल घी के भाव, पूजा डलडे पर करबाव
हाबा उड़लै मांस-मछलिया, अल्हुआ-सुथनी खलबल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
चिड़ियाँ बोल्लै देखीं चांय, डुबल जाय छै आब गोसांय
साँझ होला पर चिलका कानतौ, बिन मूढ़ी-झिलिया नै मानतौ
बाट बटोही कोय नै मिलतौ, हाथ गोर तनि पटकल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
जल्दी-जल्दी करैं बजार, लेय् ले काजर बिन्दी चार
मकै बेच कै फेरू ऐबौ, कंगना टीका तोरा देलैबौ
कचकहरा के तातक लेय् ले, बड़ी बोझ छै आजकल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
होतें साँझ गरजतौ लोहा, रस्ते में भेल सब कुछ सोहा
बकरी नेमना भेल मनुख हो, अब शरीफ कै भारी दुख हो
बंद घोॅर में होय फिरौती, डरल रहै छौ पल-पल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
साँझ पहर नै रूसिहैं फेरू, जल्दी चलें डिकरतौ लेरू
उब्बर-खाबर जीवन खश्ता, हँसते चलें कि कटतौ रस्ता
पी-पी लोर जे हस्से धानी, ओकरे जीवन हलचल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।
जे रहौ बतलाइये देलिऔ, पोर-पोर झलकाइये देलिऔ
गाँव-गाँव की शहर भरल छै, डेग-डेग पर जहर भरल छै
आँख सें देखिहै मुँह नै खोलिहैं, बात-बात पर फटकल चल
चल गे कनियाँ झटकल चल, नै रस्ता में अटकल चल।