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कनुआ से चितचोर अलग्ग'इ होमें हैं / मंगलेश

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कनुआ से चितचोर अलग्ग'इ होमें हैं।
चिते चिताए मोर अलग्ग'इ होमें हैं॥

महल'न कों समसान करें जो चुटकी में।
वे तिरिया घरफोर अलग्ग'इ होमें हैं॥

यों लागै ज्यों मैया थपकी दै रइ होय।
जमना जी की हिलोर अलग्ग'इ होमें हैं॥

तोता चिरिया हू बोलें राधे राधे।
ब्रजभूमी की भोर अलग्ग'इ होमें हैं॥

भवसागर सों खेंच, बचामें भगतन कों।
मंगलेश, गुरु-डोर अलग्ग'इ होमें हैं॥