Last modified on 1 अक्टूबर 2018, at 11:49

कन्हैया का जो नाम जपते नहीं हैं / रंजना वर्मा

कन्हैया का जो नाम जपते नहीं है ।
अगम सिंधु भव का वो तरते नहीं है।।

नहीं होती पावन कभी जीभ उन की
कभी राम का नाम रटते नहीं हैं।।

हृदय में बिठाते हैं जो सांवरे को
जमाने की बाधा से डरते नहीं हैं।।

न सन्मार्ग से पाँव डिगता है उनका
कुपथ से कभी वो गुजरते नहीं हैं।।

सदा हैं विजय की पताका उड़ाते
कभी मौत से भी जो डरते नहीं हैं।।

बसे राम दिल में हो विश्वास दृग में
कभी काम उनके बिगड़ते नहीं हैं।।

सदा दूसरों के लिए ही जिये जो
कभी स्वार्थ की बात करते नहीं हैं।।