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कबाड़ ख़रीदता हूँ / ओरहान वेली
Kavita Kosh से
रद्दी कबाड़ ख़रीदता हूँ
ख़रीदता हूँ पुराना-धुराना सामान
और
उससे बनाता हूँ सितारे
अपने मन के लिए भोजन
यानी संगीत
छक कर आनन्द उठाता हूँ
संगीत का
इतना कि घूमने लगता है सिर
कविताएँ लिखता हूँ
कविताएँ लिखता हूँ और
ख़रीदता हूँ पुराना माल
फिर कबाड़ देकर
संगीत ख़रीदता हूँ
अगर
सीपियों की किसी बोतल में
तैरती मछली बन जाऊँ
तो कैसा रहेगा?
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय