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करने जा शत बार नमन / माँटी हिन्दुस्तान के / राहुल शिवाय
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जिनका सब के कुर्बानी सेॅ
भारत छै आजाद अभी,
जिनकोॅ खून-पसीना सेॅ छै
धरती ई आबाद अभी;
हुनका सब केॅ कलम आय तों
करने जा सत बार नमन ।
देशोॅ केॅ जें सब देने छै
वृद्ध आँखोॅ केॅ हरियाली
देने छै जें सिन्दूरोॅ केॅ
आरो हाथोॅ केॅ लाली
हुनका सब के कलम आय तों
करने जा शत बार नमन ।
जल-थल नभ हर सीमा पर जे
देशोॅ खातिर रहे छिकै
हर वाधा, विपदा केॅ जौनें
देशोॅ खातिर सहै छिकै
हुनका सब के कलम आय तों
करने जा शत बार नमन ।
जिनको कारण दुश्मन कोनो
घर मेॅ घुसै नै पारै छै
जें काली के नाखी सबटा
दुश्मन केॅ संहारै छै
हुनका सब के कलम आय तों
करने जा शत बार नमन ।
रचनाकाल- 16 जुलाई 2013