भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
करमा गीत / पीसी लाल यादव
Kavita Kosh से
मया के बदला मया मिले रे, मया म जी ले।
पिरोहिल पिरित पानी पी ले।
सोन-चांदी अउ धन दोगानी, सबे माटी के मोल।
जनम-जिनगी के पूंजी मया, मयारू के मीठ बोल।
पिरित म अंतस गद-गद फिले रे, मया म जी ले
मया के बदला मया मिले।
कोदो के बदला मिरचा मिले, चिचोल बदला नून,
मया के बदला मया मिले, बाढ़े उन के दून॥