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कर्म, धर्म, योग, यज्ञ, तीर्थ व्रत दान पुन्य / शिवदीन राम जोशी

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कर्म, धर्म, योग, यज्ञ, तीर्थ व्रत दान पुन्य,
                        मंत्र, तंत्र वेदपाठ स्वर से सुनाये हैं।
राज पाट द्रव्य धाम, नाम भी कमाय लेत,
                    विद्या बलवान बली जगत में कहाये हैं।
कुटम्ब और बान्धव प्रीत गीत गाय रहे,
                 कहां लो बखानो सुन्दर नारी भी लुभाये हैं।
कहता शिवदीनराम एते सुख सुख नाहीं,
                    सुख तो स्नेही सत्य राम गुन गाये है।