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कर दो वमन ! / नागार्जुन
Kavita Kosh से
प्रभु तुम कर दो वमन !
होगा मेरी क्षुधा का शमन !!
स्वीकृति हो करुणामय,
अजीर्ण अन्न भोजी
अपंगो का नमन !
आते रहे यों ही यम की जम्हायियों के झोंके
होने न पाए हरा यह चमन
प्रभु तुम कर दो वमन !
मार दें भीतर का भाप
उमगती दूबों का आवागमन
बुझ जाए तुम्हारी आंतों की गैस से
हिंद की धरती का मन
प्रभु तुम कर दो वमन !
होगा मेरी क्षुधा का शमन !!