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कलम री सीख / सांवर दइया
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म्हारी कलम कैवै
म्हनै बै ई आखर मांडणा चाईजै
जिका म्हैं जी सकूं
अरथ-बिहूणा आखर
सांस तकात नै
अकारथ बणाय देवै ।