भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

कला-1 / भवानीप्रसाद मिश्र

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कला वह है
जो सत्य के अनुरूप हो
और

उठानेवाली हो
हमारी
पीढ़ियों को

यों तो हर लापरवाह
साधन बना सकता है
गिरने का सीढ़ियों को !