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कलिदा पर खेलन आयो री / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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कलिदा पर खेलन आयो री मोरो बालो सो कन्हैया
मोरो बालो सो कन्हैया री मोरो छोटो सो कन्हैया
कलिदा पर खेलन आयो री मोरो बालो सो कन्हैया
काहे की वो गेंद बनी हो काहे की वो गेंद न हो
काहे के डंडा लायौ री मोरो बालो सो कन्हैया
कलिदा पर खेलन आयो री मोर बालो सो कन्हैया
पटरेसम की गंेद नी हो पटरेसम की गेंद न हो
चंदन डंडा लायौ री मोरो बालो सो कन्हैया
कलिदा पर खेलन आयो री मोर बालो सो कन्हैया
खेलत गंेद गिरे जमुना में खेलत गेंद गिरे ना हो
गेंद के पीछे भागो री मोरो बालो सो कन्हैया
कलिदा पर खेलन आयो री मोर बालो सो कन्हैया
काली नाग कमल दल लीन्हा काली नाग कम लना हो
नाग नाथ कर आयो री मोरो बालो सो कन्हैया
कलिदा पर खेलन आयो री मोर बालो सो कन्हैया