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कल्प मन्वंतर चुके यायावरी ढ़ोते / रामनरेश पाठक
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कल्प, मन्वंतर चुके यायावरी ढ़ोते
वेद से दिन, उपनिषद सी सांझ का भोगी
महाकाव्या यामिनी में सांख्य का योगी
श्वेत शतदल पर कठिन यायावरी बोते
कल्प, मन्वंतर चुके यायावरी ढ़ोते
न्याय से पथ, द्वैघ दर्शन सा विरंजितव्योम
अग्नि परिचित पुराणों-सी या अपरिचित सोम
जागरण में व्याकरण, कादंबरी सोते
कल्प, मन्वंतर चुके यायावरी ढ़ोते
योग सी उपलब्धि, ज्योतिष सा विकल्पक अंत
प्रश्न अब भी आक्षितिज, मिमान्स्यमान दिगंत
ज्ञान और विज्ञान की संझाम्बरी होते
कल्प, मन्वंतर चुके यायावरी ढ़ोते