Last modified on 10 नवम्बर 2021, at 20:33

कल मैं मायूस था / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य

कल मैं मायूस था ।
 
मैं सोच रहा था :
शायद हमारा आन्दोलन चकनाचूर हो रहा है
सौ साल के लिए, हमेशा के लिए नहीं, लेकिन
कम से कम सौ साल के लिए और
हमें आज जीना है ।
 
आज मुझे पता है : मैं
सिर्फ़
कल मायूस था ।

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य