भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कवना नगरिया के ईहो दुनू जोगिया / महेन्द्र मिश्र
Kavita Kosh से
कवना नगरिया के ईहो दुनू जोगिया
संगवा में सोभे सुन्दर नार देवरा जोगिया।
कबहीं ना देखली में अइसन बटोहिया
जाहि देखि नयनवाँ जुड़ाय देवरा जोगिया
मीठी-मीठी बोलिया राम सालेला करेजवा
कइसे के राखी बिलमाया देवरा जोगिया
टिकी जा तू जोगी आज हमरी दुअरिया
सेवा मैं करबों तोहार देवरा जोगिया।
तोहरा के देवो जोगी अनधन सोनवाँ
एही ठइयाँ धुनियाँ रमवाऽ देवरा जोगिया।
महत महेन्दर ई त माने ना बटोहिया।
हमरो परनवाँ हरलें जाय देवरा जोगिया।