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कविताएँ बना दी गई हैं बेकार / मराम अल मासरी / देवेश

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कविताएँ बना दी गई हैं बेकार
गीत कर दिए गए हैं निरर्थक
बेकार कर दिए गए हैं नृत्य

रुदन और कराह भी कर दिए गए बेकार
व्यर्थ कर दी गई बच्चों की मुस्कराहट
कर दिया गया सबकुछ व्यर्थ

दर’आ तुम्हारे फूल और ज़ैतून की डालियाँ
मौत के सिपाहियों के लिए हैं

शान्ति की महान दूतों की अद्भुत मोमबत्तियाँ भी नहीं
न तुम्हारी रोटियाँ ही हल्फ़ाया
टैंकों के भारी हमलों को नहीं रोक सकता कुछ भी

अँग्रेज़ी से अनुवाद : देवेश