Last modified on 13 अगस्त 2025, at 18:19

कविताओं को दोहराता / देवेश पथ सारिया

तुम्हारे लिए लिखी
कविताओं को दोहराता
मैं करता रहूंगा तुमसे प्रेम

जैसे कोई करता है
रूठ कर चली गयी
अपने बच्चों की माँ से।