Last modified on 12 अप्रैल 2010, at 20:46

कविता और तुम / सुतिन्दर सिंह नूर

मैं उतना ही तुम्हें जानता हूँ
जितना कविता को जानता हूँ
मैं जितना कविता को नहीं जानता
उतना ही तुम्हें नहीं जानता।

मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : शांता ग्रोवर