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कविता का जन्म / प्रेरणा सारवान
Kavita Kosh से
प्रसव वेदना से भी अधिक
पीड़ादाई होता है
मेरी एक कविता का
वक्त बेवक्त जन्म लेना
और अभागापन होता है
मेरा छोड़ देना
उस निर्बोध को
इस निर्मम
जगत के बीच
भटकने के लिए
जैसे सज़ा है उसको
आजीवन बेनाम
भटकते रहना
और मुझे
पीड़ा सहते रहना।