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कविता मेरे साथ ख़त्म होती है / निकानोर पार्रा / उज्ज्वल भट्टाचार्य

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मैं ख़त्म करने की बात नहीं करता हूँ
मुझे इस सिलसिले में कोई ग़लतफ़हमी नहीं है
मैं कविता लिखते रहना चाहता था
लेकिन प्रेरणा ख़त्म हो गई ।
कविता का बर्ताव ठीक-ठाक था
मेरा ही चलन बिल्कुल बेकार था ।
 
यह कहने से क्या फ़ायदा
कि मेरा बर्ताव ठीक था
और कविता की ही तमीज़ नहीं थी
जब सबको पता है कि ग़लती मेरी है ?

मूरख की क़िस्मत में यही रहता है !
कविता का बर्ताव ठीक-ठाक था
मेरा ही चलन बिल्कुल बेकार था
कविता मेरे साथ ख़त्म होती है ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य