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कविता / अशोक शुभदर्शी
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कविता संसार में
प्रिय होय छै
जतनां कि
चाँद
कविता सुन्दर छै
जतनां कि
पुष्प
कविता मधुर छै
जतनां कि
शक्कर
कविता जरुरी छै
जतनां कि
आँख।