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कसमें खा लें, तेरे वहम जी लें / मधुप मोहता
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कसमें खा लें, तेरा वहम जी लें
तेरा रहम रहे, तो हम जी लें
बड़ी खुदफहम है दुनिया तेरी
चल तुझे याद करें, हम जी लें
न कोई घर, न मंजिल,न मुक़ाम
तेरे इंतज़ार में अब, हम जी लें
लहर का दिल साहिल से क्या लगना
तेरे जुनूं का भंवर हो, हम जी लें
आसमां तसव्वुर का ओढ़ें, तेरा नाम
रेत पर लिखें, मुस्कुराएँ, हम जी लें