कहते थे आदमी को सताया न जाएगा
निर्दोष को पकड़ के यूँ लाया न जाएगा।
भूखे तमाम लोग हैं बैठे यहाँ वहाँ
ऐसे में यार मुझसे भी खाया न जाएगा।
सागर भले नदी की मुहब्बत भुला दे, पर
प्रीतम का प्यार मुझसे भुलाया न जाएगा।
सम्पर्क टूटने से न संकल्प टूटता
इसरो के मान को भी घटाया न जाएगा।
बलिदान के लिए ही तो बकरे खरीदते
खस्सी बिना तो पर्व मनाया न जाएगा।
इस बार आ सकूँगा नहीं माँ ही रोकती
बीमार माँ को छोड़ के जाया न जाएगा।