कहते हैं तब शहंशाह सो रहे थे
| रचनाकार | उमाशंकर चौधरी | 
|---|---|
| प्रकाशक | भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली। | 
| वर्ष | 2009 | 
| भाषा | हिन्दी | 
| विषय | कविताएँ | 
| विधा | छंदहीन | 
| पृष्ठ | 136 | 
| ISBN | 978-81-263-1694-6 | 
| विविध | 
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अंततः उसकी आवारगी ही काम आई / उमाशंकर चौधरी
 - अब वह हत्यारा कहाँ है, हमें कुछ पता नहीं / उमाशंकर चौधरी
 - आग / उमाशंकर चौधरी
 - इंस्पेक्टर मातादीन का सपना / उमाशंकर चौधरी
 - इस विकसित दौर में / उमाशंकर चौधरी
 - इस बार की सोच / उमाशंकर चौधरी
 - उसका ज़मीर उसे रोक लेगा / उमाशंकर चौधरी
 - एक बार फिर / उमाशंकर चौधरी
 - कुछ कम मनुष्य होता तो / उमाशंकर चौधरी
 - क्योंकि इतिहास अपने को दोहराता है / उमाशंकर चौधरी
 - कठिन समय और हम / उमाशंकर चौधरी
 - कॉमरेड / उमाशंकर चौधरी
 - कितना दुखद है / उमाशंकर चौधरी
 - किसान की आत्महत्या भी मृत्यु है / उमाशंकर चौधरी
 - किसान बैठा है खेत की आड़ पर / उमाशंकर चौधरी
 - खड़ा रहना क्या कम है / उमाशंकर चौधरी
 - ग्लासटैंक / उमाशंकर चौधरी
 - चलो दोस्त सब ठीक है / उमाशंकर चौधरी
 - छोटी खिड़की / उमाशंकर चौधरी
 - ज़रूरी है प्यार का बचना / उमाशंकर चौधरी
 - ज़ाहिरा शेख / उमाशंकर चौधरी
 - जैनरेशन नैक्स्ट / उमाशंकर चौधरी
 - तुम्हारी अपनी संस्कृति / उमाशंकर चौधरी
 - दिल्ली में जगह तलाशते पिता / उमाशंकर चौधरी
 - दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय / उमाशंकर चौधरी
 - दौलत सिंह नारंग / उमाशंकर चौधरी
 - नज़रिया / उमाशंकर चौधरी
 - निर्णय बदले जाने की है यह एक शुरूआत / उमाशंकर चौधरी
 - प्रधानमंत्री की पहचान / उमाशंकर चौधरी
 - प्रेम का यथार्थवाद / उमाशंकर चौधरी
 - भाग गई लड़की जो प्यार नहीं करती थी / उमाशंकर चौधरी
 - भीड़ अब देश की ताक़त नहीं / उमाशंकर चौधरी
 - युद्ध / उमाशंकर चौधरी
 - यह वह क्यों नहीं समझ पाती / उमाशंकर चौधरी
 - रामदास-2 / उमाशंकर चौधरी
 - लड़कियाँ अब प्यार नहीं चाहतीं / उमाशंकर चौधरी
 - लोकतंत्र, सतर्कता और किस्त में मिली मृत्यु / उमाशंकर चौधरी
 - लालक़िले का रामलीला मैदान / उमाशंकर चौधरी
 - वह-1 / उमाशंकर चौधरी
 - वह-2 / उमाशंकर चौधरी
 - वह-3 / उमाशंकर चौधरी
 - वह-4 / उमाशंकर चौधरी
 - वह-5 / उमाशंकर चौधरी
 - वह औरत अब भी इंतज़ार कर रही है / उमाशंकर चौधरी
 - वे, उनके परिवार और ढेर सारे जोंक / उमाशंकर चौधरी
 - वे लड़कियाँ / उमाशंकर चौधरी
 - विदाई / उमाशंकर चौधरी
 - शहँशाह की नींद / उमाशंकर चौधरी
 - शारीरिक अपंगता से बढ़कर / उमाशंकर चौधरी
 - शार्टकट / उमाशंकर चौधरी
 - सामान्य ही तो है / उमाशंकर चौधरी
 - सुजाता यह घर तुम्हारा नहीं था / उमाशंकर चौधरी
 - सुजाता तुममें कितनी बची रह पाई है सुजाता / उमाशंकर चौधरी
 - साँकल / उमाशंकर चौधरी
 - हवेली का सच / उमाशंकर चौधरी
 - हम सब घूमते हैं / उमाशंकर चौधरी